Thursday 21 February 2019

Prithvi Shaw : जानिए बिहारी मूल के इस नए चमकदार सितारे के बारे में।




पृथ्वी शॉ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ शतक लगा कर के अपनी अंतराष्ट्रीय क्रिकेट करियर का शानदार आगाज़ किया है. १८ वर्ष और ३२९ दिन के पृथ्वी भारत के तरफ से अपने पहले ही मैच में शतक लगाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी हैं. मुंबई के विरार में रहने वाले पृथ्वी का राजकोट तक का सफर काफी मुश्किलों भरा रहा है. पृथ्वी के पिता अशोक शॉ मूल रूप से बिहार के गया से हैं लेकिन वो बहुत पहले ही मुंबई आ गए थे. केवल चार वर्ष के उम्र में पृथ्वी की माँ का देहांत हो गया था. उसके बाद पृथ्वी के पिता ने ही उसका ध्यान रखा है. बचपन से ही क्रिकेट में रुचि रखने वाले पृथ्वी को उनके पिता का पूरा सहयोग मिला है और पृथ्वी को आगे बढ़ाने में उनका काफी योगदान है. पृथ्वी शॉ पहली बार हैरिस शील्ड ट्रॉफी में खेलते हुए नज़र में आये थे. इस ट्रॉफी में पृथ्वी ने अपने स्कूल रिजवी स्प्रिंगफील्ड के लिए 546 रन बनाए थे. पृथ्वी शॉ ने रणजी ट्रॉफी में भी डेब्यू मैच में ही शतक लगाया था. एक के बाद एक शानदार परफॉरमेंस देने के बाद पृथ्वी को इंडिया अंडर nineteen टीम का कप्तान चुना गया था. यहां तो पृथ्वी ने कमाल ही कर दिया और भारत को विश्व कप का खिताब दिलवा दिया. पृथ्वी ने दिलीप ट्रॉफी में भी अपने पहले ही मैच में शतक ठोक दिया था. भारतीय टेस्ट टीम में जगह मिलने से पहले इंडिया ए के लिए खेलते हुए पृथ्वी ने ढ़ेर सारे रन बनाये थे. पृथ्वी शॉ को इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी दो टेस्ट मैच के लिए भारतीय टीम में जगह दी गई थी लेकिन उन्हें डेब्यू करने का मौका वेस्टइंडीज के खिलाफ ही मिला है. पृथ्वी शॉ ने एक level से दूसरे level तक काफी जल्दी ही तरक्की की है. उन्होंने किसी level को jump नहीं किया बल्कि अपने खेल के दम पर वो एक से दूसरे level तक पहुंचे है. आज पृथ्वी जब बल्लेबाज़ी कर रहे थे तब ऐसा लग रहा था की वो ५० टेस्ट मैच का अनुभव लेकर के आए हैं. अगर पृथ्वी ऐसे ही बल्लेबाज़ी करते रहे तो वो भारतीय टीम के साथ लम्बे समय तक जुड़े रह सकते है.

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