Monday 9 April 2018

"Padmavat" की कहानी के बाद क्या हुआ Alauddin Khilji का, जानिये आगे की कहानी।




संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत की आखिरी सीन में रानी पद्मावती और बाकी के राजपूत वीरांगनाओ ने अग्नि में कूद कर जौहर किया था. लेकिन उसके बाद अल्लाउद्दीन खिलजी का क्या हुआ, ये सवाल हम सभी के मन में आता है. तो चलिए जानते है की अल्लाउदीन खिलजी के साथ आगे क्या हुआ. अल्लाउद्दीन खिलजी दिल्ली का एक बहुत ही महत्वाकांक्षी शाषक था जो अपने राज्य का विस्तार करने और पूरे भारत पर विजय प्राप्त करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता था. मलिक मुहम्मद जयसी के द्वारा लिखे काव्य पद्मावत के मुताबिक अल्लाउदीन ने जब से रानी पद्मावती के सुंदरता के बारे में सुना था तबसे उसके सर पर पद्मावती को पाने का जूनून सवार था. हालांकि ऐसा हो नहीं पाया और अल्लाउदीन के हाथ सिर्फ चित्तौड़ का किला ही लग पाया. रानी पद्मावती के जौहर करने के बाद अल्लाउदीन ने अपने राज्य के सीमाओं को बढ़ाते हुए बिहार बंगाल और कर्नाटक पर कब्ज़ा जमाया. अल्लाउदीन महत्वाकांक्षी होने के अलावा बहुत ही ज्यादा कामुक प्रविर्ती का था. उसने अपनी जिस्मानी भूख को मिटाने के लिए बहुत सारी रखेलें और युद्ध में जीती हुई रानिया रखी हुई थी. अल्लाउदीन एक समलैंगिक भी था और वह अपनी इस जरुरत को मलिक कफूर के जरिये पूरा करता था. मलिक कफूर अल्लाउदीन खिलजी के नेतृत्व के बिना अपने दम पर कई सारी लड़ाइयां जीती थी और दिल्ली सलतनत को बढ़ाया था. मलिक कफूर एक समलैंगिक होने के बावजूद अल्लाउदीन की तरह ही बहुत ही ज्यादा महत्वाकांक्षी था. रणथम्बोर के राजा बादल के साथ लड़ाई में अल्लाउदीन ने अपनी एक टांग खो दी थी. जिसके चलते वो अपाहिज हो गया था. मलिक कफूर ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया और अल्लाउदीन को भड़काना शुरू कर दिया. मलिक कफूर ने एक दिन मौका देख कर अल्लाउदीन की शराब में जहर दे कर अल्लाउदीन को मार दिया. इसी के साथ अल्लाउदीन का अंत हो जाता है. कहा जाता है की अल्लाउदीन की मृत्यु बहुत ही दर्दनाक हुई थी. अल्लाउदीन काफी दिनों से बीमार भी चल रहा था. अल्लाउदीन खिलजी मकबरा क़ुतुब complex मेहरौली दिल्ली में स्थित है.

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