भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने क्रिकेट में खेल के नियमो की संरक्षण करने वाली संस्था merylebone क्रिकेट क्लब की जमकर आलोचना की है. merylebone क्रिकेट क्लब ने अभी हाल ही में टेस्ट क्रिकेट के मैचों में एक ही तरह की गेंद के उपयोग की सिफारिश की है. सुनील गावस्कर ने एम सी सी के इस प्रस्ताव पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जताई है. सुनील गावस्कर ने कहा है की अगर आप क्रिकेट में गेंद की standardization की बात कर रहे है तो फिर आप कल को पिचों की भी standardization की बात कहेंगे. कल को आप उठ कर कहेंगे की क्रिकेट में बल्ले की भी standardization कर देनी चाहिए. क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसमे सबसे बड़ी चुनौती विदेशी धरती पर खेलने का होता है. अगर आप क्रिकेट के खेल में सभी चीज़ों में standardization करने लग जाएंगे तो खेल में किसी भी तरह की चुनौती नहीं रह जायेगी. गावस्कर ने आगे कहा की क्रिकेट खेलने का मजा अलग अलग परिस्थितियों में खेलने का होता है. क्रिकेट में खिलाड़ियों को अच्छा और महान इसलिए कहा जाता ही की वो अलग अलग परिस्थितियों में प्रदर्शन करते है. गावस्कर ने कहा की मेरी निजी राय यह है की क्रिकेट में किसी भी चीज़ में standardization नहीं किया जाए क्यूंकि इससे खेल देखने वालों की रूचि कम हो जाती है. भारत में टेस्ट क्रिकेट में सनी गोल्ड की गेंद से मैच खेला जाता है वहीँ इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में dukes की गेंद से टेस्ट मैच खेली जाती है. ऑस्ट्रेलिया दक्षिण अफ्रीका और अन्य क्रिकेट खेलने वाले देश टेस्ट मैच में खेलने के लिए कुकाबुरा गेंद से मैच खेलते हैं. कुछ दिनों पहले भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली और ऑफ स्पिनर रविचंद्र अश्विन ने भारत में टेस्ट मैचों में इंग्लैंड में उपयोग की जाने वाली dukes गेंद की वकालत की थी. उन्होंने कहा था की उन्हें भारत में भी सनी गोल्ड की गेंद की जगह dukes गेंद से ही टेस्ट मैच खिलवाये जाने चाहिए. बहरहाल एम सी सी ने गेंद में समानता के अलावा टेस्ट क्रिकेट को रोचक बनाने के लिए नो बॉल पर फ्री हिट जैसे अन्य प्रस्ताव भी आई सी सी के सामने रखने की बात की है. अब यह देखना दिलचस्प होगा की आई सी सी एम सी सी की इन बातों का संज्ञान लेता है या नहीं.
Friday 15 March 2019
गावस्कर ने MCC को सुनाई खरी खरी। Sunil Gavaskar Slams MCC
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने क्रिकेट में खेल के नियमो की संरक्षण करने वाली संस्था merylebone क्रिकेट क्लब की जमकर आलोचना की है. merylebone क्रिकेट क्लब ने अभी हाल ही में टेस्ट क्रिकेट के मैचों में एक ही तरह की गेंद के उपयोग की सिफारिश की है. सुनील गावस्कर ने एम सी सी के इस प्रस्ताव पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जताई है. सुनील गावस्कर ने कहा है की अगर आप क्रिकेट में गेंद की standardization की बात कर रहे है तो फिर आप कल को पिचों की भी standardization की बात कहेंगे. कल को आप उठ कर कहेंगे की क्रिकेट में बल्ले की भी standardization कर देनी चाहिए. क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसमे सबसे बड़ी चुनौती विदेशी धरती पर खेलने का होता है. अगर आप क्रिकेट के खेल में सभी चीज़ों में standardization करने लग जाएंगे तो खेल में किसी भी तरह की चुनौती नहीं रह जायेगी. गावस्कर ने आगे कहा की क्रिकेट खेलने का मजा अलग अलग परिस्थितियों में खेलने का होता है. क्रिकेट में खिलाड़ियों को अच्छा और महान इसलिए कहा जाता ही की वो अलग अलग परिस्थितियों में प्रदर्शन करते है. गावस्कर ने कहा की मेरी निजी राय यह है की क्रिकेट में किसी भी चीज़ में standardization नहीं किया जाए क्यूंकि इससे खेल देखने वालों की रूचि कम हो जाती है. भारत में टेस्ट क्रिकेट में सनी गोल्ड की गेंद से मैच खेला जाता है वहीँ इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में dukes की गेंद से टेस्ट मैच खेली जाती है. ऑस्ट्रेलिया दक्षिण अफ्रीका और अन्य क्रिकेट खेलने वाले देश टेस्ट मैच में खेलने के लिए कुकाबुरा गेंद से मैच खेलते हैं. कुछ दिनों पहले भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली और ऑफ स्पिनर रविचंद्र अश्विन ने भारत में टेस्ट मैचों में इंग्लैंड में उपयोग की जाने वाली dukes गेंद की वकालत की थी. उन्होंने कहा था की उन्हें भारत में भी सनी गोल्ड की गेंद की जगह dukes गेंद से ही टेस्ट मैच खिलवाये जाने चाहिए. बहरहाल एम सी सी ने गेंद में समानता के अलावा टेस्ट क्रिकेट को रोचक बनाने के लिए नो बॉल पर फ्री हिट जैसे अन्य प्रस्ताव भी आई सी सी के सामने रखने की बात की है. अब यह देखना दिलचस्प होगा की आई सी सी एम सी सी की इन बातों का संज्ञान लेता है या नहीं.
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